किन्नौर में बहुत हुआ प्रकृति से मजाक ! युवाओं ने बीच ग्राम सभा में किया SJVNL अधिकारियों का विरोध

रिकांगपिओ: जिला किन्नौर में पहाड़ों का सीना चीरकर, नदियों का रुख मोड़कर, स्थानीय लोगों को विस्थापित कर जल विद्युत
परियोजनाएं स्थापित करने का सिलसिला एक लंबे अरसे से जारी है। प्रकृति के साथ लगातार हो रही इस छेड़छाड़ के
परिणामस्वरूप दिल दहला देने वाले भूस्खलन और चट्टानों के खिसकने से होने वाले हादसों में बेगुनाह लोगों को अपनी जान
गवानी पड़ती है। इसी वजह से अब किन्नौर के लोगों ने प्रकृति के साथ हो रही इस छेड़छाड़ के विरोध में आवाज बुलंद करना
शुरू कर दिया है।
इसी कड़ी में जनजातीय जिला किन्नौर के पूह खंड के तहत कानम गांव में बीते शनिवार को ग्राम सभा के दौरान सतलुज जल
विद्युत् निगम लिमेटेड का प्रबंधन मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को अपने परियोजना के निर्माणाधीन कार्य से अवगत करवा ही
रहे थे कि ग्रामीणों का गुस्सा परियोजना प्रबंधन पर फूट गया और ग्राम सभा के बीच में युवाओं ने एसजेवीएनएल प्रबंधन के
अधिकारियों को परियोजना के नुकसान के बारे में अवगत करवाते हुए परियोजना न बनने देने की चेतावनी भी दी।
ये भी पढ़ें: दोस्तों के सामने डूब गया 18 साल का अनमोल, खड्ड में गए थे नहाने
परियोजना प्रबंधन का हो रहा विरोध
जिला के प्रस्तावित जंगी ठोपन जल विद्युत् परियोजना का काम एसजेपीएनएल के पास है और ऐसे में प्रबंधन लंबे समय से
इस परियोजना से प्रभावित क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों से एनओसी लेने के लिए जा रहे हैं, लेकिन अबतक अधिकतर पंचायतों ने
एसजेवीएनएल प्रबंधन को परियोजना के खिलाफ नरेबाजी कर परियोजना निर्माण से मना किया है। जंगी ठोपन जलविद्युत
परियोजना के प्रभावित पंचायत क्षेत्रों में रारंग, जंगी, आकपा सबसे करीबी हैं। जिसके बाद मुरंग, कानम, लाबरंग, स्पीलो आदि
आते हैं, जिनमें सभी पंचायत परियोजना के खिलाफ लगातार विरोध कर रहे हैं।
ज्यादा खबरों के लिए ज्वाइन करें पहाड़ प्राइम का Whats App Group