बदलाह पेयजल व्यवस्था से परेशान बनोग हरिजन बस्ती, बदबूदार पानी इस्तेमाल कर रहे लोग
कुशाल भारद्वाज कहते हैं कि जगह-जगह पानी की पाइपों के ढेर नजर आते हैं जो पूरे हिमाचल में देखने को मिल जाते हैं। हरिजन बस्ती बनोग का दौरा करने के बाद उन्होंने कहा कि गांव में एक साल से पानी की पाइपें ही नहीं बिछी हैं।

मंडी: साल 2017 में जब प्रकाश राणा निर्दलीय जोगिंदरनगर सीट से चुनाव लड़ने उतरे तब उनकी संपत्ति को देखकर या उनकी संपत्ति के बारे में जानकर तमाम लोग हैरान रह गए। राष्ट्रीय मीडिया में भी उनकी संपत्ति की खबरें छपी, वह लगातार यह कहते रहे कि मेरे पास किसी भी चीज की कमी नहीं है। मैं अपनी तनख्वाह तक नहीं लूंगा और पूरा पैसा जोगिंदरनगर के विकास पर लगा दूंगा, लेकिन जोगिंदर नगर में कुछ और ही तस्वीरें निकल कर सामने आ रही हैं।
उपमंडल जोगिंदरनगर की नौहली और बिहू पंचायतों के कई गांवों में गंभीर पेयजल संकट का कड़ा संज्ञान लेते हुए जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ने कहा कि जलशक्ति मंत्री और जोगिंदरनगर के विधायक कहते हैं कि पानी व सड़क के मामले में उन्होंने जोगिंदरनगर में रिकार्ड तोड़ विकास किया है, लेकिन हकीकत में विकास धरातल पर नजर नहीं आता है।
कुशाल भारद्वाज कहते हैं कि जगह-जगह पानी की पाइपों के ढेर नजर आते हैं जो पूरे हिमाचल में देखने को मिल जाते हैं।
हरिजन बस्ती बनोग का दौरा करने के बाद उन्होंने कहा कि गांव में एक साल से पानी की पाइपें ही नहीं बिछी हैं। भंडारण टैंक बनाने की बातें हवा हवाई साबित हुई हैं। विभागीय अधिकारी गहरी नींद में सोए हैं और जब जागते हैं तो सिर्फ झूठ बोलते हैं।
पिछले साल उनके आंदोलन के बाद अधिकारियों ने बनोग गांव का दौरा भी किया था और एक महीने में पाइपें बिछाकर कन्या देवी टैंक के पानी का कनेक्शन देने कि वायदा किया था। हैंडपंप के लिए सर्वे करने के बाद मरैंझ, देहरी, बदारी में एक-एक और बनोग में दो हैंडपंप शीघ्र लगवाने का वादा किया था। भंडारण टैंक बनवाने का भी आश्वासन दिया था।
उन्होंने कहा कि हर सप्ताह लोगों को झूठ बोलकर गुमराह किया जा रहा है। लोग नाली के बदबूदार और कीड़े वाले पानी से न केवल कपड़े धो रहे हैं, बल्कि उसी पानी से नहाने को भी मजबूर हो रहे हैं। बनोग की तरह ही चाहब, भराड़ू में कुछ दलित परिवारों को कई महीनों से पानी नहीं मिल रहा है। सजेहड़, नौहली, द्रमण, बसेहड़, दोहरी, मनारू, मरैंझ, भगवाहर, बनेहरडी सहित सपैड़ू नागदयाड़ा जैसी कई गांव में में भी पानी का संकट है।
क्षेत्र की सड़कों की हालत भी बेहद दयनीय स्थिति में है। अपनी समस्याओं के विभिन्न मुद्दों को लेकर अब ग्रामीण 17 मई को विशाल प्रदर्शन करने जा रहे हैं। आंदोलन में महिला, पुरूष, युवक मंडल, महिला मंडल और सभी सेवानिवृत्त कर्मचारी भी हिस्सा लेंगे।